सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष में अटकना सिर्फ इसी वजह से चर्चा का विषय नहीं है
नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर के मामले में यह भी दिलचस्प है कि कैसे राजनीति किसी भी बात का बतंगड़ बनाकर उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश कर सकती है

हाल ही में अमेरिकी व्यवसायी इलॉन मस्क ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अंतरिक्ष में फंसे दो नासा वैज्ञानिकों को, ‘जितनी जल्दी हो सके’, वापस लाने का ज़िम्मा सौंपा है. अपनी पोस्ट में मस्क ने इन वैज्ञानिकों के अब तक वापस न आ पाने के लिए बाइडेन प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराने का काम भी किया. इसके कुछ घंटे बाद ट्रंप ने भी सोशल मीडिया पर दूसरे शब्दों में यही बातें कहीं. नासा के जिन वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए मस्क और ट्रंप, पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कोस रहे थे, उनके नाम हैं सुनीता विलियम्स और बैरी ‘बुच’ विल्मोर. ये दोनों वैज्ञानिक बीते आठ महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर ‘फंसे’ हुए हैं.
इस पूरे घटनाक्रम में यह देखना दिलचस्प है कि कैसे राजनीति किसी भी बात का अलग ही बतंगड़ बनाकर उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश करती रहती है.
दिसंबर में दिए अपने अपडेट में नासा ने मार्च के आख़िर तक इन अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने की बात कही थी. अपडेट में यह भी शामिल था कि इसके लिए इलॉन मस्क की कंपनी, स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाएगा. अभी भी इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स के यान से और मार्च ही में वापस आना है. यानी विलियम्स और विल्मोर की वापसी का समय और तरीका अभी भी लगभग वही हैं जो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले थे. रही जो बाइडेन की जिम्मेदारी की बात तो इस मामले में मीडिया से बात करते हुए सुनीता विलियम्स का कहना था कि “मुझे नहीं लगता कि मुझे अंतरिक्ष में छोड़ दिया गया है या मैं यहां पर फंसी हुई हूं.”