हमारे सबसे नये और जरूरी कानूनों को भी हिंदी में समझ पाना इतना मुश्किल क्यों है?
हमारे सबसे वंचित तबकों के लिए बने कानून भी अंग्रेजी में तो आसानी से समझ में आ जाते हैं लेकिन हिंदी में उन्हें समझ पाना किसी जंग को जीतने से कम नहीं है

शुरुआत सबसे नये और उस कानून से जिस पर कुछ समय से काफी विवाद चल रहा है. तमाम विरोधों के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025, लोकसभा और राज्यसभा में पारित होकर वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 बन चुका है. यह कानून, वक्फ अधिनियम 1995 में एक और संशोधन करने का काम करता है. वक्फ अधिनियम का बिलकुल शुरुआती हिस्सा कहता है:
“यह किसी राज्य में उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे तथा किसी राज्य के भीतर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के लिए और इस अधिनियम के भिन्न-भिन्न उपबंधों के लिए भिन्न-भिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी, और किसी उपबंध में इस अधिनियम के प्रारंभ के प्रति निर्देश का किसी राज्य या उसमें के किसी क्षेत्र के संबंध में यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह ऐसे राज्य या क्षेत्र में उस उपबंध के प्रारंभ के प्रति निर्देश है.” - [अध्याय 1, खंड 1(3)]
कमाल की हिंदी है! इसे लिखने वाला भी कमाल और पढ़ कर ठीक से समझ सकने वाला भी. लेकिन यह इस लेख में मौजूद कानूनी हिंदी के उदाहरणों की सबसे आसान वाली हिंदी है. मगर हममें से ज़्यादातर को इसी का अर्थ ठीक से समझने के लिए या तो हिंदी के किसी पंडित के पास जाना होगा या फिर वक्फ अधिनियम को अंग्रेजी में पढ़ना होगा:
“It shall come into force in a State on such date as the Central Government may, by notification in the Official Gazette, appoint; and different dates may be appointed for different areas within a State and for different provisions of this Act, and any reference in any provision to the commencement of this Act, shall, in relation to any State or area therein, be construed as reference to the commencement of that provision in such State or area.”
कहना मुश्किल नहीं कि वक्फ अधिनियम के ऊपर दिये हिस्से को अंग्रेजी में समझना हिंदी जितना मुश्किल नहीं है. अगर इसे हिंदी में भी थोड़ी सरल भाषा में ऐसे लिखते तो?:
“यह किसी राज्य में उस तिथि से लागू होगा जिसे केंद्र सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा तय करेगी; और इस कानून को राज्य के विभिन्न हिस्सों में या इसकी विभिन्न धाराओं को वहां लागू करने के लिए अलग-अलग तिथियां निर्धारित की जा सकती हैं. इस कानून की किसी धारा में अगर इसके प्रारंभ की तिथि का उल्लेख हो, तो किसी राज्य या उसके किसी क्षेत्र के लिए उसे, वहां उस धारा के लागू होने की तिथि माना जाएगा.”